ऐसा कहा जाता है के UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षा है। इसे पास करने के लिए बहुत मेहनत और लगन की जरूरत होती है।
इसमे सफल वही होता है जो पूरे सिद्दत और मेहनत के साथ इसमे आगे बढ़ता है। ऐसे बहुत काम ही विद्यार्थी है जो पहले ही बार में इसमे सफल हो पाते है। लेकिन पहले बार होने वाले कुछ नामो ने एक नाम है 22 वर्षीय युवक मुकुंद कुमार का।
मुकुंद कुमार बिहार के बेहद पिछड़े मधुबनी जिले के बाबूबरही प्रखंड के बरुआर गांव के रहने वाले है। उन्होंने पहले ही प्रयास में 54वीं रैंक प्राप्त किया। उनके पिता डेयरी बूथ चलते है वही उनकी मा हाउस मेकर है।
गरीबी में जीने के बाद भी उन्होंने अपने बेटे के पढ़ाई में कोई कसर नही छोड़ी। यही नही उन्होंने जरूरत पड़ने पे अपनी जमींन भी बेच दी।
मुकुंद की शुरुवाती पढ़ाई गांव के ही एक स्कूल में हुआ और उसके बाद उनका चयन गुवाहटी के सैनिक स्कूल में हुआ। 12वी में अच्छे मार्क्स से पास होने के बाद उन्होंने P.G.D.A.V कॉलेज से साहित्य से स्नातक करने के साथ ही UPSC की तैयारी में जुड़ गए।
इतने कम उम्र और पहले ही प्रयास में UPSC में कामयाबी हासिल किया। उन्होंने 2019 में UPSC की परीक्षा दिया और 2020 में उनका रिजल्ट आया। इस परीक्षा में उन्हें 54वी रैंक प्राप्त हुआ और उन्हें केरल कैडर मिला।