एमिटी यूनिवर्सिटी से पढ़ी हुई और 25000 मासिक आय वाले नौकरी को छोड़ कर जब उत्तराखंड के रहने वाली दिव्या रावत ने मशरूम की खेती शुरू करने का फैसला किया तो बहुत लोगो ने उनका मजाक उड़ाया। दिव्याको बचपन से ही खेती और पेड़ पौधे लगाने का बहुत शौक था। 2013 में नौकरी छोड़ उन्होंने बेहद छोटी सी जगह पर 100 बैग मशरूम उगाया। उन्होंने ने ये कारनामा अपने पुराने पड़े मकानों में किया। और बाद में इन्होंने अपने उत्पाद को बड़े अस्तर पे बढ़ाना शुरू किया।
अब इतनी मेहनत के बाद उन्होंने अपने उत्पादो को पहचान और बेचने के लिए खुद की एक कंपनी बनाया और नाम दिया “सौम्या ब्रांड”। शुरू में इनके उत्पाद सिर्फ देश में बिके लेकिन अपने क्वालिटी के कारण अब विदेशो में भी निर्यात होता है। इसके बाद उन्होंने अपने आवश्यक चीज़ों में बदलाव किया और फिर एक बेहद ही बड़े अस्तर पे उत्पादन शुरू किया।
दिव्या रावत अपने कार्य के बारे में कहती हैं “मैं कोई बड़ा कार्य नहीं कर रही हूँ ! मैं बस एक सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रही जिससे जीविका और रोजगार जैसे सामाजिक चुनौतियों से मुकाबला हो सके” !
दिव्या मशरूम की खेती के बाद हिमाचल प्रदेश में पाई जाने वाली औषधीय पौधों पे रिसर्च के लिए 1 करोड़ के लागत से अपना एक लैब भी बनवाया है। इसमे अब वो अलग अलग औषधीय गुणों से भरपूर उत्पादों का प्रोडक्शन कर रही है और आस पास के हज़ारो लोगो को रोजगार दे रही है।
युवाओ के बारे में पूछे जाने पे कहती है के “रोजगार के लिए पायलान करने से बेहतर है के वो खुद का बिसनेस शुरू करे, इससे उन्हें भटकना नही पड़ेगा औए साथ ही को सैकड़ो-हज़ारो युवाओ को रोजगार भी देंगे।