मोदी सरकार में सेना के उच्च पदों में महिलाओ को बहाल करने के आदेश के बाद वायुसेना चीफ वाई एस भदौरिया की अगुवाई में जब आँचल को बतौर अफसर नियुक्त किया गया तो पूरा देश झूम उठा।
इस बात पर आँचल ने मीडिया से कहा कि- यह मेरे लिए एक सपने जैसा है, मैं हमेशा से अपने पिता का सर गर्व से ऊंचा करना चाहती थी । मीडिया से बात करते हुए आंचल ने भी बताया कि उनके पिता श्री सुरेश गंगवाल घर के भरण पोषण के लिए वो चाय की दुकान चलाते थे।
आंचल शुरू से सेना में जा कर देश की सेवा करना चाहती थी, हालांकि सेना में आने से पहले उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पे 8 महीने काम किया और फिर ‘जूजू गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज’ से अपनी स्नातक की डिग्री लेने के बाद आंचल ने सेना ज्वाइन करने का मन बनाया। अपनी लगातार 6 असफलताओं के बाद आखिरकार अंचल ने एयरफोर्स में जगह बना ली। आज उनका सफलता ये बताता है के कोई भी मंजिल आसान नही होता लेकिन अगर इरादे मजबूत हो तो फिर पहर6भी छोटे पड़ जाते है, उनकी ये सफलता की कहानी आज लाखो महिलाओ के लिए प्रेरणाश्रोत है।
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