वो कहते है के “असफलता ही सफलता की कुंजी है” 10वी में 51%, 11वी में फेल, 12वी में फिर 58%| ये कहानी है उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के फ़िरोज़ आलम की। इनके लिए एतबे पढ़ाई के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी बेहद ही बड़ी बात थी। लेकिन उनका मन यहाँ कहा लगने वाला था, उन्होंने तो ये दृढ़ निश्चय कर रखा था के चाहे लाख मुसीबत आए या हज़ारो बार असफल हो उन्हें तो आईएएस बनना है।

फ़िरोज़ आलम के पिता कबाड़ का काम किया करते थे। बचपन बहुत ही गरीबी में बिता, कभी कभी तो खाने के लोए भरपेट खाना तक नही मिलता था। लेकिन ये सब चीज़ उनके लिए मनोबल बढ़ाने वाला चीज़ साबित हुआ। उन्होंने ने गरीबी में भी पढ़ाई नही छोड़ा।
पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने ने कांस्टेबलके पद पे नौकरी किया लेकिन वहाँ के करप्शन और बड़े बड़े अफसरों को देखकर इनका मन आईएएस बननेका करने लगा। उन्होंने न ठान लिया के वो एक आईएएस बनेंगे और करप्शन को जड़ से खत्म करेंगे।

उन्होंने ने कांस्टेबल पदपे रहते हुए UPSC की तैयारी भी शुरू कर दिया लेकिन लगातार 3 सफलताओ ने उनके मनको विचलित और मनोबल को तोड़ दिया। लेकिन धीरे धीरे उनके अंदर का मनोबल और बढ़ाऔर उन्होंने 2019 में UPSC परीक्षा पास कर अपने लक्ष्य को आखिरकार प्राप्त कर ही लिया
आईएएस बनने के बाद वो आज भी अपने ही तरह दूसरे कॉन्स्टेबल और विद्यार्थियों को पढ़ाई में मदद कर रहे है। चाहे पैसे का जरूरत हो या नोट्स चाहिए, वो हरसंभव प्रयास करते है मदद करने का। सलाम है फ़िरोज़ आलम के जज्बे को।